कुवैत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार दोपहर कुवैत पहुंचे, और इस प्रकार वह 43 साल में कुवैत जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए। कुवैत पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी अपनी ऐतिहासिक दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत राज्य के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर पहुंचे हैं। इस यात्रा से भारत और कुवैत के बीच संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा खाड़ी देशों के साथ भारत के रिश्तों को एक नए स्तर पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस दौरान उन्होंने कुवैत में एक दिल छूने वाली मुलाकात का भी वादा किया, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।
PM मोदी ने किया मुलाकात का वादा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कुवैत में एक रिटायर्ड भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी मंगल सैन हांडा से मिलने का वादा किया। यह मुलाकात एक सोशल मीडिया यूजर की ओर से की गई विनम्र अपील का परिणाम थी। श्रेया जुनेजा, जो हांडा की नातिन हैं, ने पीएम मोदी से अनुरोध किया था कि वह कुवैत यात्रा के दौरान अपने दादा से मुलाकात करें। पहले उन्हें इस अनुरोध का कोई सकारात्मक उत्तर मिलने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की ओर से मिले जवाब ने उन्हें और उनके परिवार को खुशी से भर दिया।
श्रेया जुनेजा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “आपसे प्रतिक्रिया पाना हमारे लिए सम्मान की बात है, सर! आपने एक बार फिर हमारा दिल जीत लिया है। नानाजी मंगल सैन हांडा बहुत खुश हैं और उनकी मुस्कान हमारे लिए बहुत मायने रखती है। हम इस दयालु व्यवहार के लिए बहुत आभारी हैं।”
43 वर्षों में कुवैत पहुंचने वाले पहले भारतीय पीएम
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा कुवैत और भारत के बीच बढ़ते और गहरे होते रिश्तों को दर्शाती है। कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर की जा रही यह यात्रा 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है।
भारत और कुवैत के रिश्ते
भारत और कुवैत के रिश्ते ऐतिहासिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। कुवैत में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है, जो भारत और कुवैत के रिश्तों को और मजबूत करता है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूती देने का एक अवसर है।
विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा को लेकर कहा, “भारत और कुवैत के बीच रणनीतिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए यह यात्रा महत्वपूर्ण है।”
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से न केवल कुवैत के साथ भारत के रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने की उम्मीद है, बल्कि यह भारतीय समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि भारत अपने नागरिकों के लिए सदा प्रतिबद्ध है।